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मतलब नहीं कोई- Matlab Nahi Koi- Hindi Ghazal-best Ghazal by N kumar

किसी को किसी से मतलब नहीं कोई! 
मुझे भी तुम्हारी अब तलब नही कोई! 

खुद को खुदा कहने वाले बहुत है, 
बस इसलिए खुदा का अदब नहीं कोई! 

मेरी खातीर उसके दर पे जाके दुआ मांगें, 
इस जहाँ मे ऐसा भी लब नहीं कोई! 

कोई था जो दिल को आशियां बोलता था,  
मगर मेरे दिल में, अब नहीं कोई! 

किसे सुनाऊं मैं हाल- ए- दिल "कुमार "
साथ मेरे रहता ही जब नहीं कोई...
 ©N kumar "$ahab"

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3 Comments

fiza Tanvi

15-Dec-2021 06:51 PM

N Kumar sahab mai apki sari gazale padhti hu .......or note bhi kr leti hu .note book mai ...

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Seema Priyadarshini sahay

15-Dec-2021 04:33 PM

बहुत खूबसूरत

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Farhat

26-Nov-2021 04:02 PM

Waao

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